आतंकी फंडिंग पर पाक से FATF- कड़ा करें कानून

इस्लामाबाद
आतंकियों के लिए पनाहगाह बने को से फिर नसीहत मिली है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को स्पष्ट कहा है कि वह आतंकी वित्तपोषण मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानून को और कड़ा करे। FATF आंतकवाद को आर्थिक सहायता मुहैया करने के मामलों पर निगाह रखता है।

पैरिस में हो रहा है पाकिस्तान के प्रदर्शन का मूल्यांकन
संस्था का सह-समूह अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (ICRG) पैरिस में चल रही अपनी बैठक में पाकिस्तान के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर रहा है। यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी। जानकारी के मुताबिक, ‘FATF ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष तो व्यक्त किया है, लेकिन उससे मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून को और कड़ा करने के लिए कहा है।’

‘ग्रे लिस्ट’ या ‘ब्लैक लिस्ट’ को लेकर पाक की किस्मत का फैसला
आपको बता दें कि पैरिस में FATF की बैठक चल रही है। सप्ताह भर चलने वाली FATF की इस अहम बैठक में यह तय होगा कि पाकिस्तान संस्था की ‘ग्रे लिस्ट’ में बना रहेगा या उसे ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल जाएगा या फिर वह इन लिस्ट से बाहर हो जाएगा।

पाकिस्तान को बचाने में तुर्की, मलयेशिया भी रहे नाकाम
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान आगे भी ग्रे लिस्ट में बना रह सकता है। पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि अगर एफएटीएफ पाकिस्तानी सबूतों से संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे आखिर में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने में तुर्की और मलयेशिया ने कोई कसर नहीं छोड़ी पर नाकाम रहे।

क्या होता है FATF?
FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।

(न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

Source: International

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