पूर्व पंजीयक रायपुर के द्वारा किया गया बहुत बड़ा कारनामा ,नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली भूमियों को वर्ग फीट की दर से गणना करने के स्थान पर हेक्टेयर की मूल्य की गणना कर, शासन को लाखो करोड़ो रुपए की राजस्व की हानि पहुंचाई गई है।
उप पंजीयक का द्वारा अपने पद का दुरुउपयोग कर एक नही कई अनेकों मामले क्रय विक्रय पंजीयन में ,यह कारनामा किया गया है
उप पंजीयक के विरुद्ध पूर्व में भी शिकायत की गई थी। जिसकी अभी तक कोई जांच नहीं हुई है, और जांच कब पूरी होगी पता नहीं?
सूत्रों से जानकारी मिली है कि मामला करोड़ों का है अर्थात जमीन जहां नगर निगम क्षेत्र में वर्ग फीट में गणना करना था, वहां हेक्टेयर में गणना कर राजस्व का भारी भरकम नुकसान कर क्या रजिस्टर साहब को कोई आर्थिक लाभ मिला है ?