करियर की शुरुआत नहीं रही आसान
कालिस के करियर में कई उपलब्धियां रहीं लेकिन उनकी शुरुआत उतनी अच्छी नहीं रही। अपने पैर जमाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2003-2004 में उन्होंने वेस्ट इंडीज के खिलाफ सीरीज में एक बार फिर साबित किया कि क्यों उनकी तुलना सर गारफील्ड सोबर्स से की जाती है। चार मैचों की सीरीज में उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाने का रेकॉर्ड अपने नाम किया। वनडे और टेस्ट सीरीज में उन्होंने कुल छह शतक लगाए।
2007 वर्ल्ड कप में सबसे अधिक रन
कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास इमरान खान और इयान बॉथम जैसा फ्लेयर नहीं था,लेकिन इसके बावजूद कालिस किसी भी टीम का हिस्सा बन सकते थे। 2005 में कालिस की प्रतिभा को सम्मान मिला। अक्टूबर में उन्हें आईसीसी प्लेयर ऑफ द इयर के खिताब से नवाजा गया। 2007 के क्रिकेट विश्व कप में वह साउथ अफ्रीका की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे।
वनडे-टेस्ट में 10 हजार से अधिक रन
इसी साल साउथ अफ्रीका में ही हुए पहले वर्ल्ड टी20 के लिए उन्हें मेजबान टीम में शामिल नहीं किया गया। लेकिन 2008 में वह एक बार फिर साउथ अफ्रीकी टीम का हिस्सा बने और पहले वनडे और फिर टेस्ट, में 10 हजार अंतरराष्ट्रीय रनों का आंकड़ा पार किया। कालिस ने ये दोनों मुकाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही हासिल किए। 2010-2011 का सीजन कालिस के लिए और बेहतर रहा। उन्होंने 9 टेस्ट पारियों में 821 रन बनाए जिसमें एक हाफ सेंचुरी और पांच शतक शामिल थे। इस बीच उन्होंने अपना पहला दोहरा शतक भी बनाया।
इस मामले में तीसरे नंबर पर हैं कैलिस
टेस्ट क्रिकेट के इस दौरान उनका बल्लेबाजी औसत रहा 57.4। 2013 में भारत के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में मैच जिताऊ शतक लगाने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में कैलिस (13289) सचिन तेंडुलकर (15921
) और रिकी पॉन्टिंग (13378) के बाद तीसरे नंबर पर रहे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 292 विकेट भी लिए।
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