*”विशेष रिमिडियल अभियान “* विकासखण्ड – दुर्ग
विशेष रिमिडियल अभियान “* उपचारात्मक शिक्षण प्रशिक्षण अभियान के अंतर्गत विकासखंड- दुर्ग सेक्टर-7 में कक्षा दो और तीन में शिक्षण करवाने वाले शिक्षकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजित किया गया ।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कक्षा 2व 3 में प्रवाहपूर्ण पठन, शब्द पठन, एवं संख्या पहचान और दो अंकीय संख्याओं में जोड़ और घटाव के सवालो का हल करना एवं स्थानीयमान की समझ बन सकें इसके लिए शिक्षकों के साथ में
जिला कार्यक्रम प्रबंधक रामरतन मीणा ने विशेष रिमेंडियल अभियान के उद्देश्य और उसके कार्य करने के दिशा-निर्देशो पर चर्चा करते हुए बताया कि कक्षा 2,3के बच्चों को छोटे सरल वाक्यों को पढ़ व लिख सकें, सुने हुए शब्दों को समझकर के लिख सकें एवं कक्षा स्तर में सीखने में पीछे छूटे गए बच्चों के लिए रिमिडियल अधिगम लक्ष्य पर विस्तार से चर्चा की गई ।
इस प्रशिक्षण में एससीईआरटी रायपुर से एफ एल एन प्रकोष्ठ प्रभारी सुनील मिश्रा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राथमिक शालाओं में बच्चों का आकलन किया जाता है तो पता चलता है कि बच्चे सीख नहीं पा रहे है इसके लिए हमें प्रत्येक बच्चे के स्तर का पता होना चाहिए और उसकी आवश्यकता के अनुसार योजना बनाकर के कार्य करेंगे तभी बच्चे सीख पाएंगे उन्होंने पीयर लर्निंग पर चर्चा करते हुए कहा कि विषय मित्र बनाकर बच्चों के साथ में कार्य करें । जिला मिशन समन्वयक सुरेंद्र पाण्डेय ने शिक्षकों के साथ चर्चा करते हुए बताया कि हाल ही के आंतरिक आकलन से पता चला कि अभी हम निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों से काफी पीछे है इसके लिए बच्चों के साथ में भाषा एवं गणित शिक्षण का आकलन करके कक्षा स्तर से पीछे चल रहे बच्चों के साथ में उपचारात्मक शिक्षण कार्य करवाएं ।
बीआरसी श्रवण कुमार सिन्हा ने कहा कि कक्षा 1 से 3 तक के बच्चों के स्तरानुसार आंकडो का संधारण करना चाहिए तभी बच्चों बच्चों के स्तर को ट्रैक कर पाएंगे, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन से राज्य से सीमा सिरोही एवं ब्लॉक अकादमिक समन्वयक भूषण सिन्हा, कमरुदीन खान, रूबी नाग, कुलेश्वर साहू एवं हितेश सांग एवं डॉ. अविनाश अवस्थी, पुष्पा पाण्डेय, ऋषि कांत शुक्ला, अरविन्द बंजारे, संध्या पाठक, पुरषोत्तम सपहा के द्वारा मुख्य संदर्भ व्यक्ति अकादमिक समर्थन किया गया।