*अवैध प्लाटों की रजिस्ट्री पर अब तक नहीं लगा रोक*
रायपुर : राजधानी सहित प्रदेश भर में अवैध प्लाटिंग का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा में इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा के बाद भी राजस्व विभाग सिर्फ फाइलों में उलझा रहा और इसी दौरान शहर के आउटर इलाकों में लगातार अवैध प्लाटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। यह तब हो रहा है, जब सरकार मार्च माह तक 5 डिसमिल (लगभग 2,178 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी कर रही थी।नियम बने नहीं और अवैध प्लाट बिक गए : बीते तीन महीनों में राजस्व विभाग सिर्फ नियम बनाने की प्रक्रिया में लगा रहा, जबकि रजिस्ट्री कार्यालयों में धड़ल्ले से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री होती रही। शहर के आसपास के इलाकों जैसे सड्डू खजुरी, बैरागढ़, सुखीसांवली, बरखेड़ा सलामत और मिसरोद में जमीन की बेतरतीब कटाई कर प्लाट में तब्दील किया गया और रजिस्ट्रीकरा ली गई।
कायदे से 5 डिसमिल से कम जमीन न बिके, न नामांतरित हो : राजस्व विभाग ने भू-राजस्व संहिता 1969 की धारा-70 के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसके मुताबिक 5 डिसमिल (2,178 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की न तो रजिस्ट्री हो सकेगी और न नामांतरण। 100 वर्गफीट से कम डायवर्ट की गई भूमि पर नया खसरा नंबर जारी नहीं किया जाएगा। किसी एक खसरे की भूमि को कई टुकड़ों में काटकर बेचना अवैध माना जाएगा।