आईपीएस शशिमोहन की कविता पुलिस वालों के पत्थर से सीने में भी बहता है झरना भावनाओं का

रायपुर। आमतौर पर पुलिस वालों को लोग बेहद सख्तमिजाज गुस्सैल और संवेदनाओं से परे वर्दी में जकड़ा अकड़ा इंसान समझा जाता रहा है पर उन मान्यताओं झुठला दिया है आईपीएस अफसर शशिमोहन सिंह ने। शशि मोहन सिंह ने कोरोना वारियर्स को समर्पित करते हुए कोरोनाकाल पर कविता लिखी है जो साबित कर देती है कि पुलिस वालों के पत्थर से सख्त सीने के नीचे भावनाओं का कल कल करता निर्मल निश्चल झरना भी बहता है। आईपीएस अफसर शशि मोहन सिंह इससे पहले एक्टिंग में भी किस्मत आजमा चुके हैं और कवि के रूप में उनका यह नया रूप सामने आया है। कविता बेहद संवेदनशील है और अपने आप में देश के वर्तमान हालात को समेटे हुए हैं।
जहां शशि मोहन सिंह इस कविता में पुलिस वालों की दिन-रात की मेहनत का बखान करते नहीं थकते वही वह पुलिस की अन्य प्राकृतिक विपदा में तथा नक्सलवाद व आतंकवाद में भूमिका की भी तारीफ करने से नहीं चूकते। उनकी कविता वर्दी फिर आहूती होती है वर्दी के महत्व को प्रतिपादित तो करती ही है साथ ही देश के मौजूदा हालात में पुलिस के योगदान और बलिदान का शानदार चित्रण भी करती है। शशि मोहन सिंह की यह कविता निश्चित रूप से कोरोना वारियरर्स के लिए सच्चा सम्मान है और कोरोना से लड़ रहे पुलिस के जवानों के लिए संबल भी। पुलिस के जवानों का मनोबल बढ़ाने वाली इस कविता को लिखने वाले आईपीएस शशि मोहन सिंह फिलहाल दंतेवाड़ा में कमांडेंट है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *