उत्तर प्रदेश पुलिस कंधे पर सूबे की कानून-व्यवस्था के नियंत्रण की बड़ी जिम्मेदारी है। कभी उपद्रव तो कभी विरोध प्रदर्शन हर हालात में पुलिस को लोगों पर काबू पाना होता है। अकसर उग्र प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए पुलिस का गोला चलाती है। लेकिन वही आंसू गैस का गोला अगर फुस्स हो जाए तो पुलिस के लिए हैरान होना लाजिमी है। जी हां, यूपी के बलिया जिले से ऐसी ही तस्वीर सामने आई है।
बलिया में आंसू गैस का गोला चलाने के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इस दौरान मॉक ड्रिल में शामिल होने के लिए तकरीबन 100 पुलिस कर्मियों को बुलाया गया था। पुलिस के लिए मुश्किल उस वक्त खड़ी हो गई जब तमाम कोशिशों के बावजूद आंसू गैस का गोला दगा ही नहीं। इस घटना का एक विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अभी यह साफ नहीं है कि विडियो कब का है। विडियो में दिख रहा है कि सबसे पहले एक पुलिस अधिकारी आंसू गैस का गोला दागने जाते हैं। उनके आसपास तीन पुलिसवाले खड़े हैं। जब पुलिस अफसर आंसू गैस का गोला दागते हैं तो यह मिसफायर हो जाता है। इसके बाद फिर कोशिश की जाती है। एक नई कार्ट्रिज लोड करके पुलिस अधिकारी दोबारा आंसू गैस का गोला फायर करते हैं लेकिन एक बार फिर नतीजा वही रहता है।
दूसरी बार नाकामी के बाद पुलिस अधिकारी थोड़ा पीछे जाते हैं और तीसरी कोशिश करते हैं। इस दौरान तमाम पुलिस कर्मी भी वहां मौजूद नजर आ रहे हैं। पुलिस अधिकारी की यह कवायद भी फेल हो जाती है और का यह मॉक ड्रिल कार्यक्रम चर्चा का विषय बन गया। सवाल उठ रहे हैं कि अगर पुलिस को किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान यही आंसू गैस का गोला चलाना पड़ता तो क्या होता।
Source: Uttarpradesh